नमो नमस्ते5स्तु सदा विभावसो सर्वात्मने सप्तहयाय भानवे अनन्तशक्तिर्मणिभूषणेन वदस्व भक्तिं मम मुक्तिमव्ययाम्. || ,,,,,,,,,,,,,,””””””””,,,,,,,,,,,,,,,,
Category: स्तोत्र,,
श्री राम स्तुति,,,..
श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं |नवकंज-लोचन, कंज-मुख, कर-कंज पद कंजारुणं || हे मन! कृपालु श्रीरामचंद्रजी का भजन कर | वे संसार के जन्म-मरणरूप दारुण भय को दूर करने वाले हैं, उनके नेत्र नव-विकसित कमल के सामान हैं,मुख-हाथ और चरण भी लाल कमल के सदृश हैं | कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील-नीरद सुंदरं […]