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शिव चालीसा

SHIVA CHALISA: ॥चौपाई॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥ मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत […]

श्री विष्णु भगवान की आरती:

ॐ जय जगदीश हरे,,,.. ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे। भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥ जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का। सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥ मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी। तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥ तुम पूरन परमात्मा, […]

ॐ जय बृहस्पति देव आरती:

जय बृहस्पति देवा, ॐ जय,,,.. जय बृहस्पति देवा, ॐ जय बृहस्पति देवा। छिन छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा॥ ॐ जय बृहस्पति देवा ।।१।। तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी। जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय बृहस्पति देवा।।२।। चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता। सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।। ॐ जय बृहस्पति देवा।।३।। तन, […]

श्री दुर्गाजी की आरती:

जय अम्बे गौरी,,,.. जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति। तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥ मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥ कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥ केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी। सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥ कानन […]

शिवजी की आरती:

ओम जय शिव ओंकारा ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥ अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी । त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर […]

मां दुर्गा की जय

श्री दुर्गा नवरात्र व्रत कथा इस व्रत में उपवास या फलाहार आदि का कोई विशेष नियम नहीं। प्रातः काल उठकर स्नान करके, मन्दिर में जाकर या घर पर ही नवरात्रों में दुर्गा जी का ध्यान करके यह कथा पढ़नी चाहिए। कन्याओं के लिए यह व्रत विशेष फलदायक है। श्री जगदम्बा की कृपा से सब विघ्न […]

BaBa bhaJan

मेरा भोला मस्त मलंग मेरा भोला मस्त मलंग, अक्क धतूरा खावे पीवे घोट घोट के भांग, मेरा भोला मस्त मलंग……तन मन दी खुद होश नहीं है ऐसी चढ़ी खुमारी, धूमक धूमक डमरू दी धुन ते थिरक रहे त्रिपुरारी, धूम मची कैलाश के चारो तरफ बरसता रंग, मेरा भोला मस्त मलंग ….नंदी गण भी जोश च […]