Category: व्रत कथा

श्री बृहस्पतिदेव व्रत कथा

पूजा विधि कथा प्राचीन काल में एक ब्राह्‌मण रहता था, वह बहुत निर्धन था। उसके कोई सन्तान नहीं थी। उसकी स्त्री बहुत मलीनता के साथ रहती थी। वह स्नान न करती, किसी देवता का पूजन न करती, इससे ब्राह्‌मण देवता बड़े दुःखी थे। बेचारे बहुत कुछ कहते थे किन्तु उसका कुछ परिणाम न निकला। भगवान […]

सोलह सोमवार व्रत कथा

सोलह सोमवार व्रत कथा विधि: इस सोलह सोमवार व्रत को सम्भव हो सके तो , श्रावण मास से ही शुरू करना चाहिए और लगातार 16 सोमवार तक इस व्रत को करते है | सोलह सोमवार व्रत में व्यक्ति को प्रातः स्नान करके शिव जी को जल और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए | शिव पूजन के […]

साधारण प्रीति सोमवार व्रत कथा

सोमवार व्रत की विधि: सोमवार व्रत में व्यक्ति को प्रातः स्नान करके शिव जी को जल और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए तथा शिव-गौरी की पूजा करनी चाहिए. शिव पूजन के बाद सोमवार व्रत कथा सुननी चाहिए. इसके बाद केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए. साधारण रूप से सोमवार का व्रत दिन के तीसरे पहर […]

सोम प्रदोष व्रत कथा

सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि: प्रदोष काल दरअसल उस समय को कहते हैं, जब सूर्यास्त हो गया हो, लेकिन रात अभी नहीं आई हो. यानी सूर्यास्त के बाद और रात होने से पहले के बीच जो अवधि होती है, उसे ही प्रदोष काल कहा जाता है. सोम प्रदोष व्रत के दिन इसी समयावधि के दौरान […]

वैशाख अमावस्या

वैशाख मास अमावस्या का अपना ही महत्व है । कहते है इस दिन पीपल की पूजा करते हैं तो पितृ दोष शांत होता है। इस बार दो दिन है वैशाख मास अमावस्या। 7 और 8 तारीख को। उदया तिथी के लिए यह 8 तारीख को मनाई जाएगी। व्रत और दान भी 8 मई २०२४ को […]

एकादशी व्रत कथा

Ekadashi date :- 4 MAy 2024 कथा प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नामक राजा राज्य करता था। वह अत्यंत दानशील तथा तपस्वी था। एक दिन जब वह जंगल में तपस्या कर रहा था, तभी न जाने कहां से एक जंगली भालू आया और राजा का पैर चबाने लगा। राजा पूर्ववत अपनी […]

निर्जला एकादशी,,,.. (Tuesday, 18 June 2024)

ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। इस बार निर्जला एकादशी पर गुरुवार होने से शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार यह संयोग छह वर्ष बाद बन रहा है। इस दिन लोग निर्जल व्रत रखकर विधि-विधान से दान करते हैं। एकादशी व्रत विशेष रूप से जगत के […]

एकादशी व्रत कथा,,,..

चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी पापमोचनी एकादशी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता हैं। कथा प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नामक राजा राज्य करता था। वह अत्यंत दानशील तथा तपस्वी था। एक दिन जब वह जंगल में तपस्या कर रहा था, […]

शीतला अष्‍टमी व्रत कथा:

विधि व्रती को इस दिन प्रातःकालीन नित्‍य कर्मों से निवृत्त होकर स्वच्छ व शीतल जल से स्नान करना चाहिए.स्नान के बाद “मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्ये” मंत्र से संकल्प लेना चाहिए.संकल्प के बाद विधि-विधान तथा सुगंधयुक्त गंध व पुष्प आदि से माता शीतला का पूजन करें. इसके बाद एक दिन पहले बनाए […]

शुक्रवार व्रत कथा:

माँ संतोषी संतोषी माता को सभी इच्छाओं को पूरा करके संतोष प्रदान करने वाली देवी माँ के रूप में जाना जाता हैं. उनके नाम का भी यही अर्थ हैं. यह विघ्नहर्ता श्री गणेश की बेटी हैं, जो सभी दुखों और परेशानियों को हर लेती हैं, भक्तों के दुर्भाग्य को दूर करती हैं और उन्हें सुख […]