Category: चालीसा:

श्री लक्ष्मी चालिसा,,,..

॥ दोहा॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥ ॥ सोरठा॥ यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥ ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही॥ श्री लक्ष्मी चालीसा तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि […]

माँ काली चालीसा,,,..

चालीसा ॥ दोह॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥ ॥ चौपाई ॥ अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥ अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता ॥ भाल विशाल मुकुट छवि छाजै । कर में शीश शत्रु का साजै ॥ दूजे हाथ लिए मधु […]

भैरव बाबा की चालीसा:

दोहा श्री भैरव संकट हरन मंगल करन कृपालु । करहु दया निज दास पे निशिदिन दीनदयालु ।। चौपाई जय डमरूधर नयन विशाला । श्याम वर्ण वपु महा कराला ।। जय त्रिशूलधर जय डमरूधर । काशी कोतवाल संकटहर ।। जय गिरिजासुत परमकृपाला । संकटहरण हरहु भ्रमजाला ।। जयति बटुक भैरव भयहारी । जयति काल भैरव बलधारी […]

जय जय श्री शनिदेव:श्री शनि चालीसा:

श्री शनि चालीसा: दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥ जयति जयति शनिदेव दयाला।करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥ चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥ परम विशाल मनोहर भाला।टेढ़ी दृष्टि […]