मेरा भोला मस्त मलंग मेरा भोला मस्त मलंग,
अक्क धतूरा खावे पीवे घोट घोट के भांग,
मेरा भोला मस्त मलंग,,,..
तन मन दी खुद होश नहीं है ऐसी चढ़ी खुमारी,
धूमक धूमक डमरू दी धुन ते थिरक रहे त्रिपुरारी,
धूम मची कैलाश के चारो तरफ बरसता रंग,
मेरा भोला मस्त मलंग ,,,..
नंदी गण भी जोश च आके झूम के नाच्न गावं,
भूत प्रेत शनि ते शुक्र रज रज ख़ुशी मनावन,
रूप अजब है शिव भोले दा गज़ब है रब का डंक,
मेरा भोला मस्त मलंग ,,,..
बम भोले बम भोले के गूंज रहे जयकारे,
स्वगा तो सोहने लगदे ने यह रंगीन नजारे,
ख़ुशी अनोखी खुश दे दिल विच दास दी यह उमंग,
मेरा भोला मस्त मलंग ,,,..
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किसिया पहाडा दिया उते डेरा ला लिया,
गोरा अपनी नु काटो दिल चो भुला लिया ,
भोलियाँ तेनु अँखियाँ उडीक दिया,
किथे गया शम्भू मेरा खोजू हर मंदिर,
तेरे तो बेगेर सुख नही दिल अंदर,
रूस गया मेरे नाल मुखड़ा घुमा लिया,
गोरा अपनी नु काटो दिल चो भुला लिया,
शंकरा तेनु अँखियाँ उडीक दिया,,,,,..
मैं अनजान तू है अंतर यामी,
मैं सेवक तू है मेरा स्वामी,
तेरे बजो कौन मेरा जग रख्वालियाँ,
गोरा अपनी नु काटो दिल चो भुला लिया,
भोलियाँ तेनु अखियाँ उडीक दिया,,,,,..
न मैं मंगदी हीरे ते मोती,
दिल जगाई तेरे नाम वाली ज्योति,
हर सा विच मैं भोले तेनु वासा लिया,
गोरा अपनी नु काटो दिल चो भुला लिया,
भोलियाँ तेनु अखियाँ उडीक दिया,,,,,..
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चलो भोले बाबा के द्वारे, सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,
भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा ।
चढ़ा एक शिकारी देखो बिल्व वृक्ष पर, करने को वो शिकार,
शिव चौदस की पावन वह रात थी ।
अनजाने में हुआ पहर पूजा संस्कार,
हुए बाबा परकट बोले मांगो वरदान ।
दर्शन कर शिकारी को हो आया वैराग्य ज्ञान,
कर बध कर वो बोला, हरी ओम हरी ओम ।
हरी ओम हरी ओम, हरी ओम हरी ओम,
कर बध कर वो बोला, दो मुझे भक्ति वरदान,
बने बाबा उसके सहारे, सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥
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शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा ।
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे, शिव शंकर की मूरत ला दे,
मूरत ऐसी जिस के सर से निकले गंगा धरा ॥
माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला ।
रात मेरे सपनो में आया, आ के मुझ को गले लगाया ।
गले लगा कर मुझ से बोला, मैं हूँ तेरा रखवाला ॥
माँ री माँ वो मेरा स्वामी, मैं उस के पट की अनुगामी ।
वो मेरा है तारण हारा, उस से मेरा जग उजारा ।
है प्रभु मेरा अन्तर्यामी, सब का है वो रखवाला ॥
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