Author: babum

श्री राम स्तुति,,,..

श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं |नवकंज-लोचन, कंज-मुख, कर-कंज पद कंजारुणं || हे मन! कृपालु श्रीरामचंद्रजी का भजन कर | वे संसार के जन्म-मरणरूप दारुण भय को दूर करने वाले हैं, उनके नेत्र नव-विकसित कमल के सामान हैं,मुख-हाथ और चरण भी लाल कमल के सदृश हैं | कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील-नीरद सुंदरं […]

माँ चिंतपूर्णी आरती,,,..

जै चिन्त्पुर्णी माता, चिन्ता हरो माता | जीवन मेँ सुख दे दो, कश्ट हरो माता || ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता,,, ऊन्चा पर्वत तेरा, झ्न्डे झूल रहे | करेँ आरती सारे, मन मेँ फूल रहे || ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता,,, सती के शुभ चरणोँ पर, मन्दिर है भारी | छिन्न मस्तिका कह्ते, सारे सन्सारी || ॐ […]

मैया कात्यायनी की आरती,,,..

जय जय अम्बे जय कात्यानी जय जगमाता जग की महारानी बैजनाथ स्थान तुम्हारा वहा वरदाती नाम पुकारा कई नाम है कई धाम है यह स्थान भी तो सुखधाम है हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी कही योगेश्वरी महिमा न्यारी हर जगह उत्सव होते रहते हर मंदिर में भगत है कहते कत्यानी रक्षक काया की ग्रंथि काटे […]

एकादशी व्रत कथा,,,..

चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी पापमोचनी एकादशी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता हैं। कथा प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नामक राजा राज्य करता था। वह अत्यंत दानशील तथा तपस्वी था। एक दिन जब वह जंगल में तपस्या कर रहा था, […]

श्री कृष्ण आरती:

आरती कुंजबिहारी की,,,.. आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला। गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली। लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी […]