,,अखरोटों की बारिश बैजनाथ शिव मंदिर,,
ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में सायं की आरती के उपरांत की मौजूदगी में शिव भोले के जयकारों के बीच मंदिर पर अखरोटों की वर्षा |
यह सदियों से चली आ रही परपंरा है। जब पंचभीष्म के दौरान आने वाली बैकुंठ चौदश की शाम को मंदिर पर अखरोटों की वर्षा करवाई जाती है, वहीं मंदिर के चारों तरफ खड़े श्रद्धालु उन अखरोटों को प्रसाद रूपी ग्रहण करते हैं।
वर्षों से चली आ रही यह अनूठी परपंरा पूरे भारतवर्ष में यही पर निभाई जाती है। इसका स्पष्ट विवरण कहीं नहीं है। लोगों का कहना है कि पूर्व में किसी राजा ने यह परंपरा शुरू की थी, जो आज भी कायम है। यह भी मत है कि सर्दियों शुरू होने से पूर्व गद्दी अपनी भेड़-बकरियों सहित जब दुर्गम घाटियों से सकुशल लौट कर आते थे तो यहां शिव भोले को अखरोट समर्पित करते, बाद में इसे ‘खोड़ मार’ भी कहा जाने लगा।बहरहाल पंचभीष्म के दौरान आने वाली बैकुंठ चौदश की शाम को मंदिर पर अखरोटों की वर्षा करवाई जाती है, वहीं मंदिर के चारों तरफ खड़े श्रद्धालु उन अखरोटों को प्रसाद रूपी ग्रहण करते हैं। इस दौरान शिवभक्तों ने अखरोट बरसाकर भगवान शिव के जयकारे लगाए तथा सुख-शांति की प्रार्थना की।
||जयकारा वीर बजरंगी हर हर महादेव||